रविवार, 2 अगस्त 2009

कुछ अरमान दिल के


कुछ अरमान दिल में हमने भी सजाये हैं
हम भी कुछ हैं दुनिया को बताना है
हमने भी सोचा है कुछ , कुछ हमने भी चाहा है
हम छुवेंगें बुलंदी को हमें आसमान को झुकाना है
मितायेंगें ये उंछ नीच की दिवार हमारी आरजू हर ख्वाब को हकीकत बनाना है
दुनिया के दस्तूरों से दूर एक प्यारा जहाँ बनाना है
जहाँ न हो भ्रष्टाचार धर्म मजहब और जाती पाती की बातें ,
सिर्फ़ हो मानवता की पूजा सच्चाई और ईमानदारी का व्रत
ऐसा एक जहाँ हमें बसाना है
तोड़ कर राजनैतिक दीवारों को मिटा कर अमीरी गरीबी के मतभेद को
हमें मिलकर प्रेम गीत गाना है
प्रणय की वर्षा करके चाहत के फूल खिला कर क्लिष्ट और क्लान्ति मिटा कर
हमें स्रष्टि को महकना है
प्यार के फूल खिला कर मन से मन को मिला कर हमें ह्रदय की प्यास बुझाना है
"आत्म गौरव हमारी इज्जत हमारी शान है
दुनिया से अज्ञानता, अंधविश्वास मिटाना हमारा अरमान hai"
"pyasa"

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