रविवार, 1 नवंबर 2009

भूत एक कोरी कल्पना

इस लेख को मै काफी समय से लिखने की सोंच रहा था, अभी हाल ही में मैंने परम जीत सिंह जी का लेख पड़ा उनके अनुसार भूत प्रेतों का अस्तित्व होता है , परमजीत जी की तरह कई लोगों का मानना है की भूत होते है और कुछ लोग तो भूत देखने का दावा भी करते है ! इन लोंगों के अनुसार भूत एक पापी आत्मा होती है जो किसी मनुष्य के शरीर में कब्जा कर उसे म्रत्यु के मुख तक पहुंचा देती है !
लेकिन मेरे अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं होता भूत प्रेत हमारी कल्पना मात्र है!
साईकालाजी के प्रो० डॉ. हरनार्ड के अनुसार - कभी कभी हम ऐसी चीजें देखते या सुनते है जिनका वास्तविक दुनिया में कोई अस्तित्व ही नहीं है वो हमारे मष्तिष्क की कल्पना मात्र है !
इसी लिए मै कहता हूँ भूत नही होता
अगर किसी के घर मे भूत बाधा होती है तो उस घर के किसी एक सद्दसय को ही वो भूत दिखाई देता है सबको नही ऐसा क्यू होता है क्या भूत की कोई सीमा होती है की वह एक समय
मे एक या दो से अधिक लोगो को नही दिखाई देगा या भूत दस पंद्रह लोगो से डरता है !
और तो और यदि भूत भारत् मे होते है तो विदेशों मे भी होते होगें आज तक किसी ने ये नही कहा की फला व्यक्ति को अमेरिका का भूत लगा
है ऐसा क्यू नही होता क्या इन्हे भी वीज़ा की आवश्यकता होती है अगर भूत होते तो विदेशो से भी भूत आते और किसी न किसी के जिस्म पर
कब्जा कर उसे परेशान करते तथा विदेशी भाषा मे बात करते लेकिन ऐसा न किसी ने देखा होगा और ना ही सुना होगा
आज तक मैने ये नही सुना की कोई इन्जीनीअर या डाक्टर मरने के भूत बना हो और किसी को परेशन करता हो !
एक हिन्दू मरने के बाद भूत और एक मुसलिं मरने के बाद जिन्न क्यू बनता है क्या इनके पद की स्थापना अल्लाह या भगवान करता है ! भूतों के मानने वाले कहते है धर्म ग्रंथो मे लिखा है की भूत होते है, मै पूंछता हूँ की ऐसा कौन सा ग्रंथ है जिसमे यह लिखा है की एक ही समय किसी व्यक्ति के शरीर मे दो आत्माएं रह सकती है बाइबल मे लिखा है "बॉडी इस दा टेंपल ऑफ गॉड
" अर्थात शरीर भगवान का मंदिर है अब सोंचने वाआली बात यह है की जहाँ पर भगवान का वास हो वहाँ पर भूत जैसी तुच्छ चीज अपना कब्जा कर सकती है क्या ?
भूत महज एक कोरी कल्पना है और कुछ भी नही ! मेरी समझ मे आज तक एक बात नही आई की कुछ लोग भूतों की तरफ़दारी क्यूँ करते हैं ! आखिरब भूतों का अस्तित्व सिद्ध करके वो साबित क्या करना चाहते है ! मेरे विचार से या तो भूत इनके सगे संबंधी होंगे या फिर तांत्रिक !
ऐसे लिख लिखने वालों से मेरा अनुरोध है की क्रपया इस तरह के बेबुनियादी लेख लिख कर समाज मे अंधविश्वास ना फ़ैलाएँ ! एक साहित्यकार का उद्देश्य समाज को जाग्रत करना होता है उसकी लेखनी हमेशा समाज हिट के लिए उठती है !
मेरे इस लिख पर आप अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ! आप के दिमाग मे भूत प्रेतों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो नि: संदेह मुझसे पून्छे उनका उत्तर मै अवश्य दूंगा !
और अंत मे मै परमजीत जी से कहना चाहूँगा की मेरे इस लेख से यदि उनको कोई मानसिक कष्ट हुआ हो तो मुझे क्षमा करें

11 टिप्‍पणियां:

  1. संतोष जी,सब से पहले तो मैं कहना चाहूँगा कि मुझे आप के ना मानने और किसी के मानने से कोई परेशानी या कष्ट नही होता। यदि वैज्ञानिको को अभी तक यह नही खोज पाए है कि हमारी जैसी कोई सभ्यता किसी दूसरे ग्रह पर नही है तो यह ना मान ले कि यह हो ही नही सकती।......वह भी अभी ऐसी खोज कर रहे हैं।आशा है आप मेरी बात का मतलब समझ गए होगें।
    जानकारी के लिए आज की पोस्ट पढे़।धन्यवाद।

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  2. achcha laga yeh lekh......... waise bhoot waaqai mein nahin hote hain.......yeh kora waham hai.........

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  3. मैने आपको पढा .. आपकी वैज्ञानिक सोंच अच्‍छी लगी .. मैं खुद कई जगहों पर कमेंट कर चुकी हूं कि जब शहर या गांव आगे बढने लगते हैं .. तो भूत क्‍यूं पीछे हटने लगते हैं .. जिस जगह पर रातभर चहल पहल रहती है .. वहां भूत क्‍यूं नहीं दिखाई पडते .. जो लोग जानकार हैं इसके .. उनके सामने क्‍या मजबूरी है .. इस बात की चर्चा करने के लिए सामने नहीं आना चाहते .. मेरी समझ से परे हैं ये सब .. और जबतक किसी बात की पुष्टि नहीं कर लेती .. मैं भी इन बातों पर विश्‍वास नहीं किया करती .. भूत प्रेत हो या आत्‍मा हो , जबतक कोई उन्‍हें साबित नहीं कर देता .. इसपर विश्‍वास करना बेवकूफी ही है .. पर केवल इसलिए इसे नहीं मानूं कि .. यह मुझे आजतक नहीं दिखाई दिया .. तो यह उससे बडी बेवकूफी है .. क्‍यूंकि चोरी , मौत , दुर्घटना , बडी बीमारी आदि बहुतों के घरों में होती है .. पर मेरे घर में आजतक नहीं हुई .. तो क्‍या इन सबका अस्तित्‍व नहीं मानूं .. ग्रहों के प्रभाव को मैं प्रतिदिन देख रही हूं .. बाकी लोग नहीं देख पा रहे हैं .. और इसे गलत कह रहे हैं !!

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  4. बात तो बिल्कुल सही है, अपने अन्दर का भय बहुत कुछ दिखा जाता है......
    लेकिन आत्मा तब कहाँ होती है?

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  5. बंधू इस विषय पर मैंने भी कुछ लिखा है समय मिले तो दृष्टिपात करें
    http://sanchika.blogspot.com/2009/10/blog-post_20.html

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  6. भई अब ईश्वर को मानते है, तो भूत को मानने में क्या तकलीफ़ है...
    एक ही सी बात लगती हैं...नहीं..

    वैसे आपका ईश्वर पर क्या ख़्याल है?

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  7. बस, जानकारी के लिए पढ़ लिया.

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  8. आपका कहना सही है...भूत जैसी कोई चीज़ नहीं होती...यह महज लोगों का वहम है और उनके अवचेतन में घर किया भय है और कुछ नहीं..

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अपना अमूल्य समय निकालने के लिए धन्यवाद
क्रप्या दोबारा पधारे ! आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं !