कुछ लोग कहते है की भूतों को मानने से हानि ही क्या है तो उनका मै कुछ बातें बताना चाहूँगा
ऐसे कई स्थान है जिनके बारे में कहा जाता था की वहाँ भूत लगते है जिस कारण् वहाँ ज्यादातर सन्नाटा ही रहता था वहाँ लोगों का आना जाना बहुत कम
था भूत के डर के कारण् लोग उस स्थान पर नही जाते थे ! जब पुलिस द्वारा ऐसे स्थानो पर च्छापा मारा गया तो वाह्न से कई गैर कानूनी त
तत्व प्राप्त हुए कई स्मगलिंग गांजा चरस दारू आदि की भट्ठियाँ पकड़ी गई ! एक बात और है भूत को मानने से सबसे बड़ी हानि यह है
की हम ऐसे कल्पित चीज से डरते है जो वास्त्व मे है ही नही ! भूतों के मानने वालों से मै एक बात पूच्छाना चाहता हूँ की क्या
सिर्फ मनुष्य ही मरने के बाद भूत बनता है कोई जानवर भूत क्यू नही बनता आखिर क्या बात है की आज तक किसी गाय या भैंस का भूत किसी
क्यू नही लगा ! उनकी आत्मा मरने के बाद भूत क्यूँ नही बनती !
पंडित डी के शर्मा जी एक टिप्पणी दी है उन्होने कहा है
"क्यूकी चोरी आदि भले ही हमारे साथ ना होती हो
किन्तु इसके बारे में हम रोज टीवी समाचार पत्रों आदि मे पड़ते रहते है जिनका ठोस प्रमाण होता है"
सच कहूं तो मुझे तो आपका ये तर्क बेहद बचकाना लगा । आपके कहने का अर्थ ये है कि जो कुछ भी टीवी समाचार पत्र/पत्रिकाओं में छपता है,वही एक परम सत्य है :)
ऎसे विषयों पर लिखने के लिए अभी आपको अपने अध्ययन के दायरे को थोडा ओर विस्तृ्त करने की आवश्यकता है.......
तो मै उनसे कहना चाहूँगा की मुझे अध्ययन के दायरा को तोड़ा नही अपितु बहुत बड़ा करना है, लेकिन मेरा उनसे यह कहना है की आप
मेरे लेख को दोबारा पडीए फिर आप के समझ मे आ जाएगा की मैने समाचार पत्रों की बात क्यू कही ! आप को मेरे दोनो लेखों और
टिप्पड़ी को दोबारा पड़ें फिर अपनी राय दें !
अंशुमाली जी ने कहाँ है -
मैं इस धारण में विश्वास करता हूं कि भूत होते हैं। भूत को कहीं बाहर या विरान जगह में देखने-खोजने की जरूरत नहीं। भूत तो हम इंसानों के बीच हर वक्त मौजूद रहता है।
भूत इंसानों से ज्यादा समझदार होते हैं। संवेदनशील होते हैं। भूत डराते नहीं हम स्वयं ही भूत से डरे-डरे से रहते हैं। भूत की विचारधारा पर किसी तरह का प्रश्नचिंह लगाने से पहले हमें भूतों के मनोविज्ञान को समझना होगा।
यहां तो हर इंसान के भीतर भूत छिपा बैठा है। पर यह हम इंसानों की बेवकूफी है कि हम अपने ही भूत को नहीं पहचान पाते।
इनके इस लेख को पड़ने से मुझे दो बातें समझ मे आ रहीं है
इन्होने मनुष्य मे व्याप्त दुर्गुनो को भूत कहा है या तो ये कॅपिट भूत के बहुत ही करीब है ! इनके अनुसार भूतों के मनोविग्यान को
समझना होगा ! तो मै इनसे ये पूंचह्ना चाहता हूँ की मेरे दोनो लेखों मे कौन सी बात इन्हे मनोविग्यान के विपरीत लगी मै आपसे
कहना चाहता की क्रपया मुझे बताएँ की मेरी कौन सी बात मनोविग्यान के विपरीत है !
परम जीत जी ने कहा है -
संतोष जी,, मैने आप का लेख पढ़ लिया।.....आप परोक्ष रूप से भूतो या आत्मा जो भी आप कहना चाहे उसी का पक्ष रख रहे हैं.....यही तो लेख मे कहा है कि धार्मिक ग्रंथॊ मे भी ऐसा लिखा है...
.@शाय्द वो भूल गये है की आत्मा ईश्वर का दूसरा रूप है जो की प्रत्यक्ष है और भूत एक मानषिक कल्पना मात्र ]@
यहाँ सवाल यह है कि क्या किसी ने आत्मा या परमात्मा को देखा है?.....जिसे आप देख नही सकते उसे मान क्यो रहे हैं?.......यहाँ इसी सूक्ष्म शरीर को तो मानने और ना मानने की चर्चा हो रही है....
तो मै इनसे यह कहना चाहूँगा की आप लिख रहे है बोल रहे है इससे बड़ा आत्मा के बारे में आपको क्या प्रमाण चाहिए आत्मा के होने
का सबसे बड़ा प्रमाण है सजीवता लेकिन भूतों के अस्तित्व के लिए आप कौन सा प्रमाण देंगे
रश्मि जी ने बहुत अच्छी बातें कहीं हैं उनकी प्रश्नो का उत्तर आप को मेरे टिप्पड़ी मे मिल जाएगा
मेरे लेख के बारे मे आपका जो भी विचार हो अवश्य बताए
भूत प्रेत तंत्र मंत्र या तांत्रिक विद्या का कोई भी प्रश्न हो तो अवश्य पून्छे
मंगलवार, 3 नवंबर 2009
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नमश्कार! ते बात तो सही है कि भूत प्रेत के नाम क सहारा लेकर अपराधी अपने काले कारनामों को अन्जाम देते है, और किसी को पता भी नही चलता.
जवाब देंहटाएंभूत प्रेत तंत्र मंत्र या तांत्रिक विद्या का कोई भी प्रश्न हो तो अवश्य पून्छे ---------आप क्या जानते हैं इस विषय में
यहाँ सारी बातें बिखरी बिखरी हैं
जवाब देंहटाएंअगर पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टि का विकास होगा और इतिहास बोध को जानेंगे तो भूत-प्रेत.आत्मा-परमात्मा ,शुभ-अशुभ,शकुन अपशकुन , राशिफल.फलित ज्योतिष, चमत्कार. जादू-टोना आदि अन्धविश्वास अपने आप दूर हो जायेंगे । जो बातें बचपन से अवचेतन में है वह यकायक कैसे दूर होंगी। सो आज ही से प्रयास प्रारम्भ करें ।मेरा ब्लॉग भी देखे " ना जादू ना टोना " http://wwwsharadkokas.blogspot.com
sach hai.....suni sunayi baaten bekaar hoti hain,par kuch baaton se hathat alag ho pana sambhaw nahi hai
जवाब देंहटाएंदेखिए मैं नहीं मानती कि भूत होते हैं .. पर जबतक आप प्रमाणित नहीं कर देंगे कि भूत नहीं होते हैं .. मैं यह कैसे मान लूं कि भूत नहीं होते हैं .. ये तो प्रमाणित करके दिखाना होगा !!
जवाब देंहटाएं@ भूत प्रेत तंत्र मंत्र या तांत्रिक विद्या का कोई भी प्रश्न हो तो अवश्य पून्छे @मेरा प्रश्न है-:आप तांत्रिक विधा के बारे में क्या जानते हैं?
जवाब देंहटाएंसंतोष जी ,आपके लेख को पढ़ कर लग रहा है कि आप आत्मा और भूत को अलग अलग श्रैणी का मानते है.. जानकार लोग मानते है कि मरने के बाद यही आत्मा शरीर से अलग हो कर भूत कहलाती है।
मेरी पोस्ट पर भी अपने विचार प्रकट करें।
भाई भूत तो मैं भी नहीं मानता। बढिया आलेख लगा......
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