सोमवार, 19 अप्रैल 2010

मन आंधी

मन में चलती है आंधी या मन ही है आंधी


नव प्रकार के नव विचार

कल्पनाओं के इश्वर ने , रच दिया नव संसार

ह्रदय व्याकुल है , उठी वेदना

फिर उमड़ी मन की आंधी

कभी तीव्र कभी मंद गति से करती,

मन को बेकल मन की आंधी

मन में चलती है आंधी या मन ही है आंधी

हवा के रुख को मोड़ा किसने?

कुछ अच्छे कुछ मलिन विचारों को

लेकर उड़ चली मन की आंधी

4 टिप्‍पणियां:

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