आओ सब मिल जुल कर
एक संकल्प में बंध जाएं
वृक्षारोपण कर प्रथ्वी दिवस मनाएं
इस धरा पुन: वसुंधरा बनाएं
शुद्ध, वायु से शुद्ध, जल से
शुद्ध मृदा से पर्यावरण को सजाएं
इस दिन को कभी न भूलें
कदम कदम पर वृक्ष लगा कर
हर दिन "प्रथ्वी दिवस" मनाएं
मृदा, वायु, जल को , कर प्रयास
अमृतमय बनाएं
सब मिल जुल कर एक ही गीत गाएं
पर केवल गीत न गाएं
निज प्रयास से, इस संकल्प को सार्थक बनाएं
आओ सब मिल जुल कर
एक संकल्प में बंध जाएं
वृक्षारोपण कर प्रथ्वी दिवस मनाएं
बुधवार, 21 अप्रैल 2010
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बहुत सुन्दर सामयिक रचना है।बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुदर विचार .. बढिया प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंBAHUT HI ACHCHE VICHAR HAI MANYAVAR
जवाब देंहटाएंBAHUT HI BADHIYA
bahut sundar rachna
जवाब देंहटाएंMAA ki ek dua apki Zindagi bna degi
Khud Royegi per Apko hasa degi
Kabhi bhul ke bhi MAA ko mat Rulana
Ek choti si Boond Dharti hila degi
अच्छी मानवता पे आधारित विवेचना के लिए धन्यवाद / वैकल्पिक मिडिया के रूप में ब्लॉग और ब्लोगर के बारे में आपका क्या ख्याल है ? मैं आपको अपने ब्लॉग पर संसद में दो महीने सिर्फ जनता को प्रश्न पूछने के लिए ,आरक्षित होना चाहिए ,विषय पर अपने बहुमूल्य विचार कम से कम १०० शब्दों में रखने के लिए आमंत्रित करता हूँ / उम्दा देश हित के विचारों को सम्मानित करने की भी वयवस्था है / आशा है आप अपने विचार जरूर व्यक्त करेंगें /
जवाब देंहटाएंआओ सब मिल जुल कर
जवाब देंहटाएंएक संकल्प में बंध जाएं
वृक्षारोपण कर प्रथ्वी दिवस मनाएं
इस धरा पुन: वसुंधरा बनाएं
अच्छा संकल्प है ...आमीन ....!!
maanavta jhalakti hai....
जवाब देंहटाएंHUM KAVITA PER TIPPADI NAHI AAJ HUME KISI NE BAATON KA JOOTA MAARA HE MERE DIL PER LAGE ZAKHAM KO PHIR KISI NE KHARONCHA HE....... humne facebook per dekha likha thha in ur mind so humne likh diya Antakwad-naksalwad,dharamwad-jaatiwad,chhetrawad-bhashawad,brashtachaar band karo..... Awaz do hum ek hain..... ek mahashaye ne khud hume msg bheja vichaar-dhara jab tak ek nahi to hum ek kaise ho sakte he.... to mene unhe punah likha aap kis vichaar-dhara ki baat kar rahe he hume avgat karave
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