मंगलवार, 4 मई 2010

एक महान कवित्री

एक महान कवित्री



मैंने एक महान कवित्री के बारे में पढ़ा


जिस पर था प्रकृति के प्रति असीम प्रेम चढ़ा


उनमे प्रतिभा थी प्रकृति प्रदत्त


कोलकाता में जन्मी नाम था तोरू दत्त


साहित्य सृजन अल्पायु में ही प्रारम्भ किया


मानव-प्रकृति के मर्म को सरलता से जान लिया


पिता के साथ विदेश किया प्रस्थान


प्रकृति प्रेम, साहित्य प्रेम का और बढ़ गया गुण महान



उम्र के साथ साथ प्रतिभा रूपी पुष्प खिलता रहा


प्रकृति के प्रति असीम प्रेम, उनकी कविताओ में मिलता रहा


२१ वर्ष के अल्पायु में कर गईं अमर अपना नाम


प्रकृति की पुत्री ने, प्रकृति की गोद में किया चिर विश्राम


इस महान कवित्री को, मेरी ये पंक्तियाँ अर्पित है


मेरे ह्रदय के सुमन, पुष्पांजलि बनकर, उनके चरणों में समर्पित है !

1 टिप्पणी:

  1. कवित्री को कवयित्री कर लें । तोरु दत्त की कोई कविता भी देते तो अच्छा लगता ।

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