एक महान कवित्री
मैंने एक महान कवित्री के बारे में पढ़ा
जिस पर था प्रकृति के प्रति असीम प्रेम चढ़ा
उनमे प्रतिभा थी प्रकृति प्रदत्त
कोलकाता में जन्मी नाम था तोरू दत्त
साहित्य सृजन अल्पायु में ही प्रारम्भ किया
मानव-प्रकृति के मर्म को सरलता से जान लिया
पिता के साथ विदेश किया प्रस्थान
प्रकृति प्रेम, साहित्य प्रेम का और बढ़ गया गुण महान
उम्र के साथ साथ प्रतिभा रूपी पुष्प खिलता रहा
प्रकृति के प्रति असीम प्रेम, उनकी कविताओ में मिलता रहा
२१ वर्ष के अल्पायु में कर गईं अमर अपना नाम
प्रकृति की पुत्री ने, प्रकृति की गोद में किया चिर विश्राम
इस महान कवित्री को, मेरी ये पंक्तियाँ अर्पित है
मेरे ह्रदय के सुमन, पुष्पांजलि बनकर, उनके चरणों में समर्पित है !
मंगलवार, 4 मई 2010
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कवित्री को कवयित्री कर लें । तोरु दत्त की कोई कविता भी देते तो अच्छा लगता ।
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