मंगलवार, 1 जून 2010

बहुत ड्रामा कर लिया ! {अपने आप को वरिष्ठ ब्लॉगेर कहलवाने वालो सावधान !}.............. सन्तोष कुमार "प्यासा"

वैसे तो ड्रामेबाज़ी हमने भी बहुत देखी है ! लेकिन जो ड्रामा वरिष्ठ ब्लॉगेर कर रहे है ! वह ड्रामा मे पहली बार देख रहा हूँ  ! जो लोग अपने को वरिष्ठ ब्लॉगगेर कहलावा रहे है ! वो अपने आप को महान लिखैया समझ रहे है ! ऐसे लोग समझते है की ब्लॉगगर और ब्लोगिंग   उनके बाप दादा की बपौती है ! सुन लो वरिष्ठ ब्लॉगरो अब बाज आ जाओ ! हम जूनियर ब्लॉगर  हुए तो क्या, हमारी भी अपनी इज़्ज़त है हमारे कलमो मे भी दम है !
और अंत मे..........

हे वरिष्ठ ब्लॉगर सावधान


हम मे भी आत्मसम्मान


हम से टकराओगे तो धूल मे मिल जाओगे


क्यू टकराए थे , सोंच सोंच पछताओगे


लगता तुम्हारी बुद्धि फिरि या युवा शक्ति से हो अनजान


इरादे हमारे है बुलंद, कलम की ताकत जाओगे जान


अभी समय है ! संभल जाओ, छोडो झूठा अभिमान.................

मैने कुछ महीने पाहिले ही ब्लोगिंग शुरू की है ! लिखता हु जो मन में आता है ! मन में वही आता है जो समाजहित में हो !


पता चला की कुछ वरिष्ठ ब्लोगर अपने आप को सर्वश्रेष्ठ समझने लगे है ! और अपने अभिमान में चूर होकर जूनियर ब्लागरों को बेवकूफ समझने लगे है ! इसी बाबत ये लेख लिखना पड़ा ! अब तो वरिष्ठ ब्लोगरों को उनकी सही जगह दिखानी ही पड़ेगी !

17 टिप्‍पणियां:

  1. अरे ये क्या हो गया है आप सब को....क्या लिख रहे हो आप भाई......

    जो वरिष्ठ है(जैसा कि आप भी कह रहे हो) वो श्रेष्ठ क्यों-कर ना हो....अब वो हम जैसे तुच्छ को तुच्छ कह दे तो क्या गलत है..?

    अरे वो हमारी गलती नहीं बताएँगे तो क्या जो हमसे भी छोटे है...(हालांकि कोई हमसे छोटा नहीं है) वो बताएँगे...?पता नहीं क्यों आप को क्या गुमान हो चला है....थोडा बुद्धि पर जोर दे...जांचे-परखे, देखें एक बार कि क्या आपने बहुत सही पोस्ट आज पोस्ट की है!

    कुंवर जी,

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  2. कोई किसी को वरिष्ठ ब्लागर कह दे तो वो वरिष्ठ थोड़े ही हो जाता है। अपनी मर्जी किसी को वरिष्ठ मानें या न मानें। चलिए हम आप को ही वरिष्ठ ब्लागर मान लेते हैं।
    अब गुस्सा थूक दो। गुस्सा करना अच्छी बात नहीं है। शुक्राचार्य जी ने अपनी बेटी को नसीहत दी थी कि जो गुस्सा करने का त्याग कर देता है उसे सौ अश्वमेध यज्ञों के समान पुण्यफल प्राप्त होता है।
    आप टिप्पणी नहीं मिलने से परेशान हों तो बता दूँ कि आप ने अपने ब्लाग पर ये जो शब्द पुष्टिकरण लगा रखा है, इसे देख टिप्पणी करने वाला भाग जाता है। इसे हटा कर देखें, आप को अच्छे परिणाम मिलेंगे।

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  3. आपके ब्लॉग पर मछलियों वाला विजेट अच्छा लग रहा है ....बड़ी मछलियाँ छोटी को खाती ही हैं -इसी को मत्स्य न्याय कहते हैं -इससे बचने के लिए कुछ मछलियाँ झुण्ड बना कर रहती हैं जिससे वे बड़ी दिखती हैं -संघे शक्ति कल्जुगे !

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  4. संतोष जी...पहले तो ये साफ़ कीजिए कि आप वरिष्ठ ब्लॉगर किन्हें कह रहे हैं?...ये कोई नाम भी हैं या सिर्फ महज़ चर्चा पाने के लिए हवाई फायर किए जा रहे हैं?
    इन्होने किस तरह का? और कैसा ड्रामा किया है? ...
    उनके किस आलेख से आपको ऐसा लगा कि वो खुद को महान लिखैया समझ रहे हैं? ...
    किसने आपको कहा कि आपकी लेखनी में दम नहीं है?..माना कि आप बढ़िया लिखते हैं लेकिन क्या खुद अपने मुंह मियां-मिट्ठू हो इस पर इतराते-इतराते फिरना जायज़ है? ...

    आपने कहा कि वरिष्ठ ब्लोग्गरो ..बाज़ आ जाओ...
    तो उन्होंने आपकी ऐसी कौन सी भैंस खोल ली कि आप उन्हें बाज़ आने की चेतावनी दे रहे हैं?
    आपको उनके किस आलेख या क्रिया से ऐसा लगा कि वरिष्ठ ब्लॉगर अपने अभिमान में चूर होकर जूनियर ब्लागरों को बेवकूफ समझने लगे है?..
    और सबसे बड़ी बात कि आप अपने इस लेख में उन्हें बार-बार वरिष्ठ ब्लॉगर...वरिष्ठ ब्लॉगर कह कर उन्हें उनकी सही जगह दिखाने की बात कर रहे हैं तो मेरे ख्याल से आपने उनकी वरिष्ठता तो पहले ही तय कर दी है...

    मेरी राय यही है कि आप किसी के बहकावे में आने के बजाय सिर्फ और सिर्फ अपने लेखन को उच्चस्तरीय बनाने पर ध्यान दी...आपका भविष्य उज्जवल है

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  5. नीशू तिवारी का दाहिना हाथ....भाई मिथिलेश कोई गैंग बन रहा है क्या...ये किस तरह की उपाधि है....????

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  6. अब आता होगा हरि शर्मा नाम का इनका तलवेचाटु चमचा तुम लोगों की कलास लेने.

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  7. accha mayak aapke pass bhi kuch apna hai ya sab bahr ka hi hai ............bahut khub ..........yuva sakti kayam rahe yun hun ...............ab pata chal jayega ki ..kaun kya hai ? na bolo to iska matlab nahi ki kuch nahi pta hai ........katora le kar magegen beekh kament ke liye ......de do logr bandhuo....

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  8. ab dekh payege ye log ki gutbaaji kya hoti hai seedhe khta hun .....

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  9. सच है भाई जितने भी बड़े ब्लोगर है .कचरा भरा पड़ा है उनके लेखन में.कहीं कोई लड़की या महिला का ब्लॉग दिखा .चिपक गए रोज़-रोज़ चुना जो लगाना है , ये सदी-सदी कविताओं पर ऐसी टिप्पणी की दारु ढोलते है की वो छोरी और नशे में आकर अपने ब्लॉग पर भसडाद फैलाती रहती है .और फूलफूल कर फुग्गा हो जाती है और पाने को बड़ी ब्लोगरी समझने लगती है ,उनका लेखन अगर कुत्ते भी देखे तो सूंघ के चले जाए ये इंसानों को क्या हो गया ?
    गौर से देखो महिला ब्लोगर की रचनाएं , उनके अनुसरक और टिपण्णी सब समझ जाओगे .सभी भाई इस बात को जानते है पर बोलते फटती है अपनी भी फटती है , अगर बोलूँगा तो बोलोगे की बोलता है पर बोल तो दिया मन की भंडास तो निकल गयी 555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555555

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  10. वो छोकरी नीशू तिवारी की सगी बहन पलक तीवारी है। उसका साथ देने के लिए नीशू और मिथलेश ही ऐसी गंदी कविताएं लिख कर उसको फेमस करने के अभियान में हैं। देखो वो तीनों एक पार्क में बैठे हुए डिस्‍कस कर रहे हैं। मैं सच बोलता हूं तो सब कहते हैं, सच बोलता हूं। पलक मैं तुम्‍हें अपनी बहन मानता हूं परंतु नीशू सर ने ही फोन करके मुझे यह कमेंट करने के लिए कहा है। गैंग बनाना कोई बुरी बात नहीं है, संगठन बनाना बहुत बुरी बात है।

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  11. खुशदीपे कितने लोग हैं?
    सरदार,पहले तो दो चार ही थे,अब तो बदते ही जा रहे हैं.
    बड़ी मुश्किल हो जायेगी,देख पावला को मोबाइल तो मिला,कह एकदम यहाँ पहुंचे.
    सरदार,पावला शायद सम्मन भेजने की तैयारी कर रहा है,फोन बंद कर रखा है.
    खुशदीपे,अपना दानवीर सतीश भी शायद विदेश में है,उसको तो आने में एक दो दिन लग जायेंगे,तब तक तो ये नीशु और दुबे वगैहरा जान खा जायेंगे .बड़ी मुश्किल में जान फंसी है,खुशदीपे अब क्या करें.
    कहो तो सरदार,हथियार गेर दें,या फिर समझोते की बात उठायें.वैसे मैंने अपनी ओर से सफाई तो दी है,पर वहाँ तो हजूम का हजूम खड़ा है,कोई सुनने को तैयार नहीं.
    खुशदीपे,मेरा ख्याल है चल भाग चलें,जब अपने सभी लोग इकठ्ठे हो जायेंगे,तो दोबारा
    लड़ाई में कूद जायेंगे.सब के सब युवा शक्ति हैं,और सुना है कुछ अभुनवी लोग भी उनके साथ हैं.मुझे कुछ और तो चिंता नहीं,पर अपनी मठाधीशी का क्या होगा.
    सरदार ,लो राजीव तनेजा और अरविन्द मिश्र भी आ गए हैं.

    नेपथ्य में कुछ शोर सा मचता हैं,और दोनों ना जाने कंहा छुप जाते हैं.

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  12. satym tumne to gajab kar diya yar.
    ye to blogger ka breking news hone chahie. mai neshu ko varsho se janta hun. meri jankari k hisab se neshu ji ki koi bahn hi nahi hai.
    yar tumhe to pradhanmantri aur rashtrapati k stringe opration me hona chahia jisse tu bade bade muddo ka khulasha kar sako.
    tumhe to electranic media me hona chahie, shayd tumahari dukan vahn chal jae,
    styam ek bat batao yar neshu ko bhi nahi pata ki uski chhoti bahan hai. par tumne kaise pata kar liya, manna padega tumhe gajab ki networking hai tumahri.
    yar apne bare me bhi to kuchh batao tumahari kitne bahne hai. koi kuwari ho to batan mai neshu se bat karunga tumhari bat ban jaegi

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  13. अरविन्द मिश्र जी ,
    आप देखने में तो बड़ी मछली की तरह नहीं दिखाई देते.
    हाँ CROCODILE से जरुर लगते हो.
    छोटी मछलियों को छोड़ अपनी जान बचाने की फिक्र करो
    कुछ शिकारी आस पास घूम रहे हैं.
    आलतू फालतू बकवास लिखना बंद करो.

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  14. कुंवरजी अपना नाम रख लो तुच्छ जी
    आप पर खूब फबेगा

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अपना अमूल्य समय निकालने के लिए धन्यवाद
क्रप्या दोबारा पधारे ! आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं !