रविवार, 6 जून 2010

राजकुमार सोनी समझते है कुत्तो की भाषा {खग जाने खग ही के भाषा} संतोष कुमार "प्यासा"

ब्लॉगजगत में अभी जो सीनियर जूनियर ब्लोगरो के बीच मतभेद हुआ था {जो की मिट चुका है}
का कारण था ! गलतफहमी और कुछ हमारी और उनकी गलतियाँ थी ! गलतियाँ तो इन्सान से होती ही है ! और मतभेद भी इंसानों में ही होता है ! लेकिन मैंने राजकुमार सोनी की पोस्ट {ब्लागरों के कुत्तों ने बनाया संगठन और कुत्तों के सम्मेलन की एक्सक्लुसिव तस्वीरें} पढ़ी ! तो एक बात समझ में नहीं आई की आखिर राजकुमार सोनी को कैसे पता चला की कुत्ते संगठन बनाने वाले है ! बहुत सोंचने के बाद पता चला की माजरा क्या है ! जिस तरह हम इन्सान है और इंसानों की हरकतों को समझते है उसी तरह कुछ लोग दीखते तो इन्सान है पर होते नहीं है ! मै दावे से कह सकता हूँ की राजकुमार सोनी कुत्तों  के बहुत करीब है ! क्योकि किसी को भी पता नहीं चला की कुत्ते कोई संगठन बना रहे है या मीट कर रहे है ! तो राजकुमार सोनी को कैसे पता ! इसका मतलब हुआ की उनके किसी प्रीय खबरी कुत्ते ने आकर उनको खबर दी होगी ! तभी तो उन्होंने ये पोस्ट लिखी ! इन्होने तो कहा था की "इलाहबाद कुत्तो का शहर है" ! लेकिन ये शायद भूल गए है की इनके पूर्वजो ने मरने से पहले कहा था की "हमारी अस्थियाँ संगम में प्रवाहित करना" ! राजकुमार सोनी कुत्तो की पहली बैठक के चीफ गेस्ट थे लेकिन किसी कारणवश वो नहीं पहुँच पाएँगे !
और राजकुमार सोनी ने एक बात और कही थी की "गाली-गलौच तो करनी ही नहीं चाहिए। यदि बहुत जरूरी हो तो केवल साले-फुले ही बोलना चाहिए। हर किसी को मां-बहन की गाली देने से गालियों की भी बेइज्जती होती है। यह बात चाहे सीनियर हो जूनियर हर किसी को समझनी चाहिए।
आप अच्छे लड़के लग रहे हैं आपके साथ अच्छी बात यह है कि आप इतनी गालियां मिलने के बाद भी क्रोधित नहीं हो रहे हैं। यह एक संत का गुण है। आप संत बनने की ओर अग्रसर है। जो लोग आपको अभी अंड-बंड बक रहे हैं वे लोग कल को पछता सकते हैं क्योंकि यह तय है कि आप एक न एक दिन आस्था चैनल में अमीर घरानों की महिलाओं को प्रवचन देते हुए नजर आओगे। लोगों को तब समझ में आएगा कि संतोष कुमार प्यासा कोई मामूली संत नहीं था।


बोलो.. प्यासा महाराज की जय।" !

गाली गलौज करना बुरी बात है ! और किसी को कुत्ता कहना महान बात है वाह सोनी जी क्या उम्दा सोंच है ! मै गालियों का जवाब गालियों से देकर ब्लोगजगत में गंदगी नहीं फैलाना चाहता ! फिर गाली वही देता है जो कमजोर होता है ! जिसके पास न शब्द होते है और न तर्क न सफाई !
और हा एक बात और जब मै आस्था चैनल पर प्रवचन दे रहा हूँगा तो आप अपनी घर की सभी औरतो, बूढ़े बच्चो को साथ लेकर आइएगा ! मै आपको मुफ्त में पास दे दूंगा !

और अंत मे
न उड़ इतना की गिरे तो ज़मीं भी न नसीब हो !

1 टिप्पणी:

अपना अमूल्य समय निकालने के लिए धन्यवाद
क्रप्या दोबारा पधारे ! आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं !