जूनियर सीनियर ब्लोगरो के बीच का मतभेद मिट चुका है ! लेकिन कुछ बरसाती मेढक टर्र टरा रहे है ! मै उन मेढ़को से कहना चाहता हु की अब बहुत हुआ अब शांत हो जाओ ! कल वाचस्पति जी नीशू जी से मिलने मेरठ गए थे ! जहाँ पर जूनियर सीनियर के बीच का मतभेद ख़त्म हुआ ! अब हम सब मिलकर एक नई पहल कर रहे है ! ब्लोगजगत को सुन्दर बनाने की ! अब ब्लोगजगत फिर से अच्छे विचारो की बगिया बनेगी ! अब प्रेम के पुष्प खिलेंगे ! सब मिलजुलकर अपने विचारो एक दुसरे से बाटेंगे ! लेकिन इस विवाद के वर्षा में कुछ बरसाती मेढक पैदा हो गए है ! मै ऐसे मेढको से कहना चाहता हूँ की अब टर्र टराना बंद कर दो ! अब बरसात जा चुकी है ! अगर अब टर्र टराओगे तो कुचल दिए जाओगे ! अब मेढको के टर्र टराने का समय नहीं बल्कि कोयल के मधुर स्वर की गूंज से ब्लॉगजगत को सुरीला बनाने का समय है !
जो हुआ उसे भूलकर मिलजुल जाए
निज सुरम्य विचारो से ब्लोगजगत को सुन्दर बनाए
जो आए राह पर, खुशिओ के
सब मिलकर उसका नमो निशाँ मिटाए
आओ मिलकर निज साहित्य को समृद्ध बनाए
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इसका मतलब अब लंबे समय तक कुत्तों वाली कोई पोस्ट देखने को नहीं मिलेगी!:(
जवाब देंहटाएंबरसाती मेंढक तभी टर्राते हैं जब बरसात होती है........बारिश बंद.....अब मेंढक भी टर्राना बंद कर देंगे.........
जवाब देंहटाएंवैसे आपकी ये कुचल देने वाली धमकी कुछ गले नहीं उतरी.............जब तक मतभेद और मनभेद रहा तब तक खुद भी टर्राये और अब???????????
भाई टर्राने का अधिकार सभी को है............कम से कम ब्लॉग पर ऐसी नेतागिरी न दिखाओ की जब तक मन नहीं मिले तो कुछ भी लिखो और जब मन मिले तो दूसरो को रोको.................
ऐसा नहीं लगता जैसे किसी नेता को अपनी पार्टी में तवज्जो न मिले तो वो उसमे बुराई निकलता है और पद मिलते ही वही सबसे अच्छी पार्टी हो जाती है...
बहरहाल.............
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड