शनिवार, 17 जुलाई 2010

सरकार और मीडिया दोनों ही टीन के डब्बे है ! सन्तोष कुमार "प्यासा"

जब कोई नया मुद्दा उठता है तो वह आग की लपट की तरह कार्य करता है !जिससे सरकार और मीडिया टीन के डब्बे की तरह गर्म हो जाते है ! टीन के डब्बे में गुण होता है की वोह शीघ्र गर्म और ठंढा हो जाता है ! ठीक वही हाल है मीडिया और सरकार का ! पहले किसी मुद्दे की अग्नि से मीडिया गर्म होती है फिर मीडिया की उछल कूद से सरकार भी क्षणिक गर्म होती है ! रही बात आवाम की तो भारतीय आवाम का बड़ा भाग भेडचाल में विश्वाश रखता है !

कहा जाता है की "मीडिया वह दर्पण है जो जनता को समाज की वास्तविक छवि दिखाता है "! पर जबसे मीडिया ने टी० आर० पी० और लोकप्रियता पाने हेतु ख़बरों को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करना शरू किया तबसे मीडिया की छवि भी धूमिल पड़ गई है !

मीडिया को चाहिए को वह सुचारू रूप से सार्थक कार्य करे तभी वह अपनी छवि बरक़रार रख पाएगी !

आज से दो वर्ष पहले "आरुषी तलवार की रहस्मयी हत्या" हुई थी जिसे मीडिया ने बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया ! फिर "निरुपमा ऑनर किलिंग" यहाँ भी पूर्वत कार्य हुआ !

"भोपाल गैस त्रासदी" इसमें भी मीडिया ने काफी उछल कूद की !

तत्पश्चात "नक्सली और माओवादी" हमले इस पर भी मीडिया अपना पुराना राग अलाप रही है !

यहाँ पर जितने भी मुद्दे रखे गए सब बड़े है ! इनकी खासियत यह है की इन सभी मुद्दों में बेगुनाहों की मौतें हुई और इनमे से कोई भी केस पूर्णतया हल नहीं हुआ !

कहने का मतलब है की यदि मीडिया चाहे तो कोई केस अनसुलझा न रहे, सब के सब केस सुलझ जाए !

क्युकी "मीडिया सरकार के आगे मशाल दिखाती चलने वाली सच्चाई है जिसकी रोशनी में सिर्फ और सिर्फ सच दिखता है" !

मीडिया को टीन का डिब्बा नहीं होना चाहिए मीडिया को जलती हुई मशाल होना चाहिए जो क्षणिक नहीं निरंतर सरकार औरे समाज को सचेत एवं प्रेरित करती रहे ! ऐसा करने से कोई भी मुद्दा अनसुलझा नहीं रहेगा !

मीडिया सदैव से समाज का प्रतिनिधित्व एवं मार्गदर्शन करती चली आइ है ! मीडिया को सदैव समाज का प्रतिनिधत्व एवं मार्गदर्शन करना चाहिए ! तभी मीडिया को अपनी पुरानी छवि प्राप्त होगी ! और समाज स्वस्थ एवं विकारहीन होगा ! इसी में देश और समाज का भला है ! इसी में मीडिया की सार्थकता है !....

2 टिप्‍पणियां:

अपना अमूल्य समय निकालने के लिए धन्यवाद
क्रप्या दोबारा पधारे ! आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं !