बुधवार, 4 अगस्त 2010

कुछ तो बक्श दो जिस्म के हैवानो---- सन्तोष कुमार "प्यासा"

लालच आदमी को अंधा कर देता है इतना तो आपने जरूर सुना होगा ।


लेकिन पैसांे की लालच में कोई इस हद तक गिर सकता है इसकी आपने कल्पना भी नही की होगी।

दलालों द्वारा बालिग लडकियों कों बहला फुसला कर या जबरजस्ती अपहरण करके बेचना तो पुरानी बात है लेकिन जब दलालों को बालिग लडकियों की तस्करी करने में मुश्किलों का सामना करना पडा तों उन्होने एक नई नीचता भरी तरकीब सोंची जिसका जीता जागता प्रमाण उ0प्र0 के मेरठ शहर में मिलता है।

मेरठ का रेड लाइट एरिया जहाॅ पर दलालों द्वारा कई देशों एवं राज्यों जैसै नेपाल, पाकिस्तान,बाॅग्लादेश, पश्चिम बंगाल, काश्मीर बिहार सें 10-13 साल की गरीब लडकियों यह कह कर लाया जाता है कि उन्हे नौकरी दिलायेगें। लेकिन वास्तव में उन्हे यहाॅ सेक्सवर्क के लिये लाया जाता है। पर ये लडकियाॅ प्राकृतिक रूप से न तो जवान दिखती और न ही ये सेक्सवर्क के लिये परिपक्व होतीं है इसलिए दलालों द्वारा इन लडकियों पर आॅक्सीटेशन नामक इन्जेक्शन का प्रयोग किया जाता है। जिसके प्रभाव से लडकियों के हारमान्स तेजी से विकसति होतें है जिससे ये जवान दिखने लगतीं है।

सामान्यतः इस इन्जेक्शन का प्रयोग पशुओं और पेंड पौधों के तीव्र विकास के लिये किया जाता है। इस अमानवीय कार्य की सच्चाई का पता तब लगा जब एक लडकी जो की सेक्सवर्कर है ! ने इसकी शिकायत संकल्प नाम के एक समाजसेवी संस्था से की ।

अब समाज के सामने सबसे प्रष्न यह उठता है कि इन बुराइयों का जिम्मेदार कौन है , क्या अब इन्सान और पषुओं में कोई अंतर नही है, क्या पैसों की अहमियत इन्षान से ज्यादा है। आखिर कब तक एैसे ही लडकियों की तस्करी की जाती रहेगी, जिन लडकियों की उम्र गुड्डे गुडियों से खेलने की है वही किसी का सेज सजाए क्या ये सही है। आखिर हमारी सरकार कर क्या रही है।

जो कुछ भी मेरठ में हीे रहा है वह हत्या से भी बडा गुनाह और पाप है क्योंिक किसी इन्सान की हत्या करने पर तो वह सिर्फ एक बार मरता है लेकिन ये बेचारी लडकियाॅ इन दलालों के चुंगल में फंस कर पल-पल मरती हैं।


1 टिप्पणी:

अपना अमूल्य समय निकालने के लिए धन्यवाद
क्रप्या दोबारा पधारे ! आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं !