बुधवार, 2 मार्च 2011

नेटवर्किंग- जाल या जंजाल... सन्तोष कुमार "प्यासा"


इन्टरनेट ने हमारे कई कार्यों को आसान बनाया है ! जिन जानकारियों को इकठ्ठा करने के लिए हमें मोटी-मोटी किताबों में महीनो उलझना पड़ता था, अब वही बस एक क्लिक में उपलब्ध है!
अब किसी भी जानकारी के लिए बच्चे माता-पिता के पास नहीं बल्कि नेट पर जाते है ! एक्जाम्स की प्रीपेयरिंग,  देश दुनिया की जानकारी, अर्लिंग, लर्निंग, रेल, प्लेन टिकिट्स, मूवी टिकट्स,,  सोंग्स डाउनलोड, मोबाइल रिचार्ज, शोपिंग इत्यादि कई प्रकार की सुविधाओं से लैस है इन्टरनेट!
वाकई नेट ने हमारी दिनचर्या बदल दी है ! इन तमाम खूबियों के साथ-साथ इसमें कई बुराइयाँ भी है जिनसे हमें चाहिए! खासकर बच्चों को तो शोसल नेट्वोर्किंग साइटों से  बिलकुल दूर रखना चाहिए, क्युकी जहाँ एक और ये साइटें मनोरंजन और मौजमस्ती का साधन  है , वही दूसरी ओर कई घातक बुराइयाँ भी परोसती हैं ! आजकल  बच्चो में तनाव, अकेलापन चिडचिडापन की समस्या  इन्ही साइटों की वजह से हो रही है ! सेक्स चैट, पोर्न साइटों की जानकारी भी बच्चो को यहीं से मिलती है ! आज के समय में १२  से अधिक वर्ष के वो बच्चे जो  शोसल नेट्वोर्किंग साइटों का प्रयोग करते है उनका ४०% से भी ज्यादा हिस्सा, सेक्स चैटिंग का लती बन चुका है !
और  तो  और  शोसल नेट्वोर्किंग साइटों से समलैंगिकता का प्रसार प्रसार भी खूब हो रहा है ! आपको पता होना चाहिए की ये एक ऐसी मनोवैज्ञानिक समस्या या मानसिक उन्माद है जो शीघ्र ही अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है !  ऐसे में नवयुवा इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है, अगर समलैंगिकता के आंकड़ो पर गौर किया जये तो ज्ञात होगा की यह कितनी तेजी से फैलता जा रहा है !
इन्टरनेट और शोसल नेट्वोर्किंग साइटों का प्रयोग खासकर बच्चो करने से रोका जाना चाहिए या तो उनपर निगरानी रखी जानि चाहिए!  हमें नेट का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए, अगर हम इसको अपने आवश्यक कार्यों और थोड़ी-बहुत मौज-मस्ती के इस्तेमाल करते है तो कोई हर्ज़ नहीं, हमें बस सतर्क रहना चाहिए ! अगर बच्चे  शोसल नेट्वोर्किंग साइटों का करते भी है तो यही ठीक होगा की हम  उन पर निगरानी रखे ताकि वो बुराइयों की ओर आकर्षित न हों...                

2 टिप्‍पणियां:

अपना अमूल्य समय निकालने के लिए धन्यवाद
क्रप्या दोबारा पधारे ! आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं !