मन में चलती है आंधी या मन ही है आंधी
नव प्रकार के नव विचार
कल्पनाओं के इश्वर ने , रच दिया नव संसार
ह्रदय व्याकुल है , उठी वेदना
फिर उमड़ी मन की आंधी
कभी तीव्र कभी मंद गति से करती,
मन को बेकल मन की आंधी
मन में चलती है आंधी या मन ही है आंधी
हवा के रुख को मोड़ा किसने?
कुछ अच्छे कुछ मलिन विचारों को
लेकर उड़ चली मन की आंधी
सोमवार, 19 अप्रैल 2010
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bahut khub
जवाब देंहटाएंacghi rachana he
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
बहुत अच्छी रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंकभी तीव्र कभी मंद गति से करती,
जवाब देंहटाएंमन को बेकल मन की आंधी
मन में चलती है आंधी या मन ही है आंधी
bahut hi umda rachna hai...